IC57 - अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स

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  • बहीमूल्य सम्पत्ति का वह मूल्य होता है जो बीमाधारक की लेखाबहियों में दर्शाया जाता है. इसे सम्पत्ति की मूल लागत पर मूलयह्रास लागू करते हुए निकाला जाता है।
  • पुनर्स्थापन मूल्य उस मूल्य को कहते हैं जिससे क्षतिग्रस्त सम्पत्ति को मूल्यह्रास की कटौती किये बगैर उसी तरह की नई सम्पत्ति से पुनर्स्थापित या प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
  • संक्षेप में, निम्नलिखित बिंदु नोट किये जाने चाहिए : i. बीमाकृत राशि का निर्धारण हमेशा बीमाधारक की ओर से किया जाता है ii. बीमाकृत राशि पॉलिसी के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की अधिकतम राशि होती है iii. प्रीमियम गणना करने के उद्देश्य से बीमाकृत राशि वह राशि होती है जिस पर दर लागू की जाती है iv. बीमाकृत राशि बीमाकृत सम्पत्ति के वास्तविक मूल्य की द्योतक होनी चाहिए। यदि किसी कारणवश अति - बीमा हुआ हो तो इससे बीमाधारक को कोई लाभ नहीं होता है ; यदि अधो - बीमा हुआ हो तो यथानुपात औसत की शर्त लागू करते हुए दावा राशि में से आनुपातिक आधार पर कटौती की जाएगी। (इसके बारे में आगे चलकर इसी अध्याय में समझाया गया है)
  • i. अध्ययन सामग्री में बताई गयी दरें तथा प्रतिशतांक केवल दृष्टांत के रुप में दिये गये हैं ii. इन दरों का कार्यालयीन उद्देश्य हेतु प्रयोग नहीं किया जाना है। दी गयी दरें तथा प्रतिशतांक समय समय पर परिवर्तन के अध्यधीन हैं iii. पाठकों से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वे इन दरों तथा प्रतिशतांकों को कंठस्थ करें।
  • बीमा के उद्देश्य से और जहां तक बीमाधारक का संबंध है, "अग्नि" शब्द का अर्थ दुर्घटनात्मक या आकस्मिक परिस्थितियों के अंतर्गत वास्तविक रुप से होने वाला प्रज्वलन या जलना होता है।

IC 57 अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा

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