IC57 - अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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अग्नि बीमा संविदाएं सामान्य संविदा कानून से अधिशासित होती हैं जैसा कि भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 में प्रतिपादित किया गया है।
अग्नि बीमा सामान्य कानून के अंतर्गत विकसित मूलभूत सिद्धांतों से अधिशासित होता है। ये सिद्धांत हैं : परम सद्भाव, क्षतिपूर्ति का सिद्धांत, बीमायोग्य हित, आसन्न कारण, अंशदान तथा प्रस्थापन।
बीमाकृत राशि का निर्धारण बीमाधारक की ओर से किया जाना है।
बीमाकृत राशि ऐसी होनी चाहिए जो बीमाकृत सम्पत्ति का वास्तविक मूल्य दर्शाती हो। यदि अति बीमा किया जाता है तो इससे बीमाधारक को कोई लाभ नहीं मिलता ; यदि अधो - बीमा होता है तो यथानुपात औसत की दर लागू करते हुए दावा राशि में से आनुपातिक कटौती कर दी जाएगी।
अग्नि बीमा व्यवसाय अखिल भारतीय अग्नि प्रशुल्क द्वारा अधिशासित होता था। प्रशुल्क सलाहकार समिति ने भारत में अग्नि बीमा व्यवसाय हेतु बीमा अधिनियम, 1938 के भाग II बी के अंतर्गत आने वाले प्रावधानों के तहत नियम, विनियम, दरें, लाभ, शर्तों एवं निबंधनों का प्रतिपादन किया है।