IC11 - साधारण बीमा व्यवहार परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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बीमा बाज़ार में कई तरह की भूमिकाएं निभायी जाती हैं, जैसे बीमाधारक, मध्यस्थ, बीमाकर्ता, पुनर्बीमाकर्ता आदि और इनके अलावा वकील, सलाहकार, सर्वेक्षक आदि।
पुनर्बीमा कंपनियाँ स्वयं भी पुनर्बीमा खरीदती हैं, इस प्रथा को पुनः-अर्पण के रूप में जाना जाता है।
बीमाधारक खंड को आगे रिटेल, व्यक्तिगत, एसएमई और बड़े कॉर्पोरेट में विभाजित किया जा सकता है।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) संसद के एक विशेष अधिनियम अर्थात आईआरडीए अधिनियम, 1999 द्वारा निर्मित भारतीय बीमा क्षेत्र की एक नियामक संस्था है।
कॉन्ट्रा प्रोफ़रेंटम नियम : यह नियम (जो प्रभावी रूप से प्रस्ताव करने वाले पक्ष के खिलाफ कहता है) कहता है कि जहाँ संविदात्मक भाषा दो वैकल्पिक व्याख्याएं करने में सक्षम है, इसे अनुबंध का मसौदा करने वाले बीमाकर्ता के विरुद्ध और शब्दों को स्वीकार करने वाले बीमाधारक के पक्ष में समझा जाएगा। इसका कारण यह कि बीमाकर्ता ने प्रयुक्त भाषा को चुना होगा और उसे इसके भीतर निहित किसी भी अस्पष्टता से लाभ प्राप्त करने में सक्षम नहीं होना चाहिए।