Important Points for IC 26 - Life Insurance Finance Exam
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यदि बीमा कंपनियां किसी व्यक्ति से सम्बद्ध जोखिम को उच्च और मानक प्रीमियम दरों पर बीमा किये जाने योग्य नहीं समझती हों तो उसे अवमानक जोखिम कहा जाता है। कोई जोखिम न्यून से लेकर उच्च अवमानक हो सकता है।
यदि पॉलिसी की शुरुआत होते समय किसी व्यक्ति से सम्बद्ध जोखिम न्यून माना जाता है किंतु इस बात की संभावना हो कि कुछ समय पश्चात वह जोखिम उच्च रुप धारण कर लेगा तो उसे वर्धित अतिरिक्त जोखिम के तौर पर जाना जाता है।
यदि बीमांकन करते समय किसी स्थूलकाय व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बीमारी न रही हो तो उसे पॉलिसी की शुरुआत होते समय न्यून जोखिम वाला माना जा सकता है। तथापि, निकट भविष्य में उम्र बढ़ने के साथ ही इस बात की संभावना रहती है कि उसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह या हृदय रोग जैसी कुछ बीमारियां हो सकती हैं।
यदि पॉलिसी की शुरुआत होते समय किसी व्यक्ति से सम्बद्ध जोखिम उच्च समझा जाता है लेकिन इस बात की संभाव्यता रहती है कि यथोचित देखभाल तथा दवाएं लेने से कुछ समय बाद वह न्यून हो जाएगा। इसे घटना अतिरिक्त जोखिम कहा जाता है।
यदि किसी व्यक्ति के बारे में यह समझा जाता है कि उसका जोखिम आगे चलकर भी वैसा ही बना रहने वाला है तो उसे अटल अतिरिक्त जोखिम कहा जाता है।