Important Points for IC 26 - Life Insurance Finance Exam
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हाइपरथायरॉइडिज्म के मामले में टी 4 कास्तर उच्च और टीएसएच का स्तर बहुत कम हो जाता है।
हाइपरथायरॉइडिज्म का उपचार तीन तरीके से किया जाता है : चिकित्सा, रेडियोधर्मी आयोडीन थैरेपी (आरएआई) और शल्य-चिकित्सा।
थायरॉइड की अधो-सक्रियता को हाइपोथायरॉइडिज्म कहा जाता है।
हाइपोथायरॉइडिज्म के मुख्य कारण हैं हशीमोटोज बीमारी, रेडियोधमी आयोडीन उपचार, थायरॉइड शल्यचिकित्सा, चिकित्सा, अधोजीर्ण थायरॉइडिटिस तथा जन्मजात हाइपोथायरॉइडिज्म।
हाइपोथायरॉइडिज्म के मामले में टी 4 का स्तर न्यून रहता है जबकि टीएसएच का स्तर उच्च हो जाता है तथा इसका इलाज थाइरोक्सिन से किया जाता है।