Important Points for IC 26 - Life Insurance Finance Exam
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हमें आंखों की सहायता से ही दिखाई देता है। आंख की तुलना एक कैमरा से की जा सकती है जो प्रकाश ग्रहण करते हुए उसे चित्र में परिवर्तित कर देता है।
आंख के हिस्सों में पुतली, आइरिस, कॉर्निया, कंजंक्टिवा, स्क्लीरा, लेंस, रेटिना तथा कांच के तरल पदार्थ का समावेश होता है।
आंखों से कैसे दिखाई देता है : रेटिना या दृष्टिपटल पर पहुंचने से पहले प्रकाश कॉर्निया, पुतली तथा लेंस से होकर पार निकलता है। आइरिस एक मांसपेशी होती है जो पुतली के आकार को नियंत्रित करती है और इससे होकर निकलने वाले प्रकाश की मात्रा भी नियंत्रित होती है। रेटिना में अभिग्राहक लगे होते हैं जो प्रकाश के प्रति अपनी प्रतिक्रिया दर्शाते हैं : इन अभिग्राहकों से मनोवेग उत्पन्न होते हैं जो दृकतंत्रिका के माध्यम से हमारे मस्तिष्क में प्रवेश करते हैं।
मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, भेंगापन, अंधापन, दृष्टिपटल की विकृतियां, अपवर्तक त्रुटि, रेटिना का अलग हो जाना आदि।
कान श्रवण, संतुलन और साम्यावस्था बनाये रखने वाला एक बाह्रा अंग है।