IC24 - जीवन बीमा का वैधानिक पक्ष परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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इस अधिनियम में ऐसे किसी भी व्यक्ति के जीवन या घटना पर कोई भी बीमा करने से मना (निषेध) किया गया है जिसमें उस व्यक्ति का कोई हित नहीं है जिसके लाभ के लिए पॉलिसी जारी की गई है। इसमें आगे यह प्रावधान है कि ऐसे सभी मामलों में, जहां बीमाधारक का हित है। बीमाधारक के हित से अधिक कोई भी राशि या मूल्य वसूल नहीं किया जा सकता है।
प्रतिनिधित्व अनुबंध करने के समय या उससे पहले, कुछ तथ्यों या तथ्यों के सेट के मौजूद होने के संबंध में, एक पक्ष द्वारा दूसरे पक्ष को दिया गया एक बयान है, जिसका उद्देश्य दूसरे पक्ष को अनुबंध में प्रवेश करने के लिए प्रेरित करना या लुभाना होता है।
समुद्री बीमा अधिनियम, 1963 की धारा 35 इस अधिनियम के प्रयोजन से वारंटी को परिभाषित करती है। यह एक ऐसा बयान है जिसके द्वारा बीमाधारक यह वचन देता है कि कोई विशेष काम किया या नहीं किया जाएगा, या यह कि कुछ शर्तें पूरी की जाएंगी, या जिसके द्वारा वह तथ्यों की विशेष स्थिति होने की पुष्टि करता है या इससे इनकार करता है। अधिनियम में आगे कहा गया है कि वारंटी एक ऐसी शर्त है जिसका बिलकुल सही तरीके से पालन किया जाना चाहिए, चाहे वह जोखिम के लिए महत्वपूर्ण हो या न हो।
किसी बीमा पॉलिसी में वारंटी किसी अन्य अनुबंध की शर्त के अनुरूप होती है और इसका उल्लंघन असंतुष्ट पक्ष को अनुबंध के तहत सभी देनदारियों को अस्वीकार करने का अधिकार देता है।
बीमा अधिनियम, 1938 की धारा 45 : इस अधिनियम की शुरुआत से पहले जीवन बीमा की किसी भी पॉलिसी को, इस अधिनियम की शुरुआत की तारीख से दो वर्षों का समय समाप्त होने के बाद और इस अधिनियम के लागू होने के बाद प्रभावी की गई किसी भी बीमा पॉलिसी को, इसे प्रभावी किए जाने की तारीख से दो वर्षों की अवधि समाप्त होने के बाद, बीमा कंपनी द्वारा इस आधार पर सवालों के दायरे में नहीं लाया जाएगा कि बीमा के प्रस्ताव या चिकित्सा परीक्षक की किसी भी रिपोर्ट में अथवा रेफरी या बीमाधारक के दोस्त द्वारा दिया गया बयान या पॉलिसी जारी करने की वजह बनने वाली किसी भी रिपोर्ट में दिया गया बयान गलत या झूठा था, जब तक कि बीमा कंपनी यह नहीं दिखाती है कि इस तरह का बयान किसी तथ्यात्मक विषय अथवा छिपाए गए तथ्यों पर दिया गया था जिसका खुलासा किया जाना महत्वपूर्ण था और यह कि पॉलिसीधारक यह बयान देते समय इस बात को जानता था कि बयान झूठा था या यह कि उसने उन तथ्यों को छिपाया था जिनका खुलासा किया जाना महत्वपूर्ण था :