IC24 - जीवन बीमा का वैधानिक पक्ष परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स

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  • बीमा अधिनियम, 1938 की धारा 45 : बशर्ते कि इस धारा की कोई भी बात बीमा कंपनी को किसी भी समय उम्र के प्रमाण की माँग करने से नहीं रोकेगी अगर वह ऐसा करने की हकदार है, और किसी भी पॉलिसी को सिर्फ़ इसलिए सवालों के दायरे में नहीं लाया जाएगा क्योंकि इस बात के पर्याप्त प्रमाण मिलने के बाद पॉलिसी की शर्तों में उपयुक्त बदलाव किया गया था कि प्रस्ताव में जीवन बीमाधारक की उम्र गलत तरीके से बतायी गई थी।
  • आईआरडीए (पॉलिसीधारकों के हितों का संरक्षण) विनियम, 2002 का विनियम 4 यह प्रावधान भी करता है कि जीवन बीमा का प्रस्ताव एक लिखित दस्तावेज़ के द्वारा समर्थित होना चाहिए।
  • जीवन बीमा अनुबंध में बीमा कंपनी द्वारा जोखिम के उचित आंकलन के लिए सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रस्तुत करना और उनका खुलासा करना प्रस्तावक का कर्तव्य है।
  • प्रस्तावक प्रस्ताव प्रस्तुत करके बीमा कंपनी को जोखिम के आंकलन के लिए सामग्री और आधार प्रदान करता है और यह बताता है कि उसे किस प्रकार का बीमा चाहिए।
  • प्रस्ताव पर विचार करने के बाद, बीमा कंपनी जोखिम को स्वीकार कर सकती है और मॉंगे गए अनुसार या ऐसी अन्य शर्तों पर पॉलिसी जारी कर सकती है, जो बीमा कंपनी के विचार में सही है।

IC 24 जीवन बीमा का वैधानिक पक्ष

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