IC24 - जीवन बीमा का वैधानिक पक्ष परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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संपत्ति अधिनियम के हस्तांतरण के अनुसार एक नाबालिग एक हस्तांतरक नहीं हो सकता है। एक नाबलिग एक हस्तान्तरिति हो सकता है लेकिन इसे फिर से समुनेदेशित नहीं किया जा सकता है एवं न ही वैध निर्वहन दिया जा सकता है।
बीमा अधिनियम की धारा 39 नियुक्त की नियुक्ति के लिए व्यवस्था प्रदान करती है जहां नामित एक अवयस्क है।
जहां एक अवयस्क के पक्ष में एक समनुदेशन निष्पादित किया गया है, अभिभावक की नियुक्ति आवश्यक होगी।
भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 11 के अंतर्गत एक पागल द्वारा किए गए अनुबंध एवं उसकी संपत्ति के हस्तांतरण को भी अमान्य कर दिया गया है।
जहां देनदार दिवालियापन का कार्य करता है, अदालत उसे आदेश दे सकती है, जिसे अधिनिर्णय लेने का आदेश कहा जाता है, जिससे उसके दिवालिया होने का फैसला किया जाता है।