IC38 - General Insurance Agent Exam - Hindi Study Notes - आईसी 38 - बीमा अभिकर्ता - सामान्य - परिक्षा के लिए अध्ययन नोट्स

Page 29 Of 60

Go to:

  • गृहस्वामी की बीमा - बीमा राशि तय करने के दो तरीके हैं : बाजार मूल्य (एमवी) और पुनर्स्थापन मूल्य (आरआईवी) ।
  • दुकानदार का बीमा - आम तौर पर आग, भूकंप, बाढ़ या दुर्भावनापूर्ण क्षति और चोरी की वजह से दुकान की संरचना और सामग्रियों की क्षति को आवरित करता है। आग, भूकंप, बाढ़ या दुर्भावनापूर्ण क्षति और चोरी की वजह
  • दुकान बीमा में व्यवसाय में रुकावट या हानि के संरक्षण को भी शामिल किया जा सकता है। , यह एक अप्रत्याशित दावे की स्थिति में किसी भी खोयी हुई आय या अतिरिक्त खर्च को आवरित करेगी। , आवरण को बीमाधारक द्वारा उसकी गतिविधियों की श्रेणी के आधार पर चुना जा सकता है।
  • दुकानदार का बीमा - अतिरिक्त कवर - चोरी और सेंधमारी; मशीनरी की खराबी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सामान; धन बीमा: सामान (बैगेज): , फिक्स्ड प्लेट ग्लास और सैनिटरी फिटिंग्स आकस्मिक नुकसान को आवरित करता है , व्यक्तिगत दुर्घटना , कर्मचारियों का विश्वासघात / बेईमानी :
  • दुकानदार का बीमा - बीमा राशि तय करने के दो तरिके हैं अर्थात बाजार मूल्य और पुनस्र्थापन / प्रतिस्थापन मूल्य। , धन, सामान, व्यक्तिगत दुर्घटना जैसे अतिरिक्त आवरण के लिए प्रीमियम को बीमा राशि और चुने गए आवरण पर निर्घारित किया जाता है।

आईसी 38 - बीमा अभिकर्ता - सामान्य - परिक्षा के लिए अध्ययन नोट्स

Copyright 2015 - MODELEXAM MODELEXAM®