IC57 - अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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जब कोई बिल्डिंग और उसमें रखी वस्तुएं पूरी तरह जलकर खाक हो जाती हैं तो फर्श के क्षेत्रफल की प्रति यूनिट से निकलने वाली ऊष्मा की मात्रा को अग्नि लोड के तौर पर परिभाषित किया गया है।
अग्नि लोड के आधार पर विशेषज्ञों ने अधिवास के तीन मुख्य वर्गों को मान्यता दी है। यह सम्बद्ध भारतीय मानक विशिष्टीकरण के अनुरुप भी है। - i. न्यून अग्नि लोड : सामान्यतः रिहायशी परिसर, कार्यालय, होटल, आदि ii. संयत अग्नि लोड : समान्यतः खुदरा दुकानें और फैक्टरी बिल्डिंग iii. उच्च अग्नि लोड : सामान्यतः भारी भंडारण वाले गोदाम तथा वेअरहाउस।
अग्नि प्रतिरोधक शब्द किसी तत्व की अपने सामान्य कार्यदायित्व निर्वहन के दौरान विशिष्ट गंभीरता (मानक अग्नि) वाली गर्मी को सहन कर सकने की क्षमता निर्दिष्ट करता है और इस तरह वह किसी बिल्डिंग में निश्चित समय के लिए आग को फैलने से रोक सकता है।
अग्नि प्रतिरोधकता का मूल्यांकन करने के लिए किसी संरचना के जिन विभिन्न घटकों का मूल्यांकन किया जाता है, वे इस प्रकार हैं : i. संरचनात्मक खतरे ii. उद्भासन खतरा iii. ऊंचाई iv. आकार v. निष्क्रिय जोखिम vi. वस्तुओं से उत्पन्न होने वाले खतरे vii. विविध खतरे
उद्भासन संबंधी खतरा तब पैदा होता है जब उद्भासित सम्पत्ति (परिसर या बिल्डिंग) किसी निकटस्थ या अड़ोस - पड़ोस के परिसर या बिल्डिंग के समीप या उससे सटी होती है जिससे आग फैल सकती है और / या आग, धुएं, ऊष्मा, पानी या टूटफूट के फलस्वरुप हानि या क्षति हो सकती है।