IC57 - अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स

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  • बीमाकृत राशि में यथानुपात के आधार पर मध्यावधि बढ़ोतरी की जा सकती है लेकिन यदि बीमाकृत राशि कम करनी हो तो उसे अल्पावधि पैमाने के आधार पर किया जाएगा।
  • बहु - अधिभोगी औद्योगिक इस्टेट में स्थित जोखिमों पर स्वतः ही दर प्रभारित की जाएगी।
  • स्वतः ही या Per se दर - निर्धारण का मतलब है कि प्रत्येक जोखिम पर उसकी गुणवत्ता के अनुसार लागू होने वाली प्रीमियम दर प्रभारित की जाएगी।
  • अग्नि बीमा प्रीमियम का दर - निर्धारण कुछ मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर किया जाता है। - i. पहले, प्रीमियम की दर सन्निहित भौतिक खतरों के अनुरुप होनी चाहिए। ii. दूसरे, खतरों के मूल्यांकन के आधार पर जोखिमों का वर्गीकरण सजातीय समूहों में कियस जाता है। प्रत्येक समूह के अंतर्गत ऐसे जोखिमों का समावेश रहता है जो कमोबेश एक ही प्रकार के उद्भासन के अधीन रहते हैं। iii. तीसरे, प्रीमियम दर प्रत्येक समूह के विगत दावा अनुभव पर आधारित रहती है। iv. चौथे, विद्यमान अनुकूल एवं प्रतिकूल विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए किसी एक ही समूह के अंतर्गत आने वाले एकल जोखिमों को विभेदन के सिद्धांत के आधार अलग रखा जाता है। तद्नुसार प्रीमियम में छूट दी जाती है।
  • प्रशुल्क के खंड III के अंतर्गत आने वाले सामान्य जोखिमों पर लागू की जाने वाली दरें 4 प्रकार की सामान्य अधिवासिताओं के लिए निर्धारित की गयी हैं। - i. निवास स्थान, कार्यालय, कॉलेज, अस्पताल, शोरुम जहां वस्तुएं केवल प्रदर्शन हेतु रखी जाती हैं और उनकी विक्री नहीं की जाती ii. रेस्तरॉ और होटल iii. दूकानें (गैर - खतरनाक वस्तुएं), लॉन्ड्री, मनोरंजन पार्क iv. दूकानें (खतरनाक वस्तुएं)

IC 57 अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा

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