IC57 - अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स

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  • वैकल्पिक पुनर्बीमा की सबसे मुख्य विशेषता यह है कि इसके अंतर्गत प्रत्येक जोखिम का अलग - अलग पुनर्बीमा किया जाता है।
  • आनुपातिक ट्रीटियों के अंतर्गत अर्पणकर्ता कंपनी मूल बीमा के उस हिस्से के बारे में निर्णय लेती है जिसे वह अपने स्वयं के खाते में रखना में रखना चाहती है और बाकी की शेष राशि पुनर्बीमाकर्ता को अर्णित कर देती है।
  • कोटा शेयर ट्रीटी के मामले में अर्पणकर्ता बीमाकर्ता के लिए यह बाध्यकारी है कि वह ट्रीटी की परिधि के भीतर आने वाले प्रत्येक जोखिम का एक नियत हिस्सा अर्पित करे और पुनर्बीमाकर्ता के लिए यह बाध्यकारी है कि वह उस हिस्से को स्वीकार करे।
  • अधिशेष या सरप्लस ट्रीटी का प्रयोजन यह है कि अर्पणकर्ता बीमाकर्ता द्वारा प्रतिधारित राशि से अधिक की राशि का पुनर्बीमा किया जाए।
  • केट (विनाशकारी) हानि आधिक्य (एक्सओएल) आवरण बीमाकर्ताओं के शुद्ध प्रतिधारित खाते को विनाशकारी प्रवृत्ति की हानियों से बचाता है जैसे मौसमी खतरों से होने वाली हानियां जैसे कि एसटीएफआई ; प्राकृतिक खतरे जैसे भूकंप तथा परिणामी सूनामी, भूस्खलन, झाड़ी की आग, आदि तथा राजनीतिक जोखिम जैसे कि दंगे, एसआरसीसी या यहां तक कि अग्निकांड।

IC 57 अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा

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