IC57 - अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स

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  • बीमा संविदा का सारतत्व है पॉलिसी के अंतर्गत बीमाकृत घटना के घटित होने के परिणामस्वरुप बीमाधारक को पहुंचने वाली वित्तीय हानि हेतु किया गया क्षतिपूर्ति का प्रावधान।
  • ऐसी परिस्थितियां भी पैदा हो सकती हैं जब बीमाकृत जोखिम उन कई सारी घटनाओं में से एक घटना रहा हो जिन्होंने साथ - साथ या एक के बाद एक करके ऐसी हानि उत्पन्न की हो। ऐसी परिस्थितियों में दायित्व का निर्धारण आसन्न कारण वाले विधिक मुहावरे के आधार पर किया जाएगा।
  • आसन्न कारण की अत्युत्तम परिभाषा इस प्रकार है : "वह सक्रिय एवं सक्षम कारण जो किसी नये एवं स्वतंत्र रत्रोत से उत्पन्न तथा कार्य रुप से सक्रिय बल के हस्तक्षेप के बिना घटनाओं की शृंखला को गतिशील बनाकर परिणाम देता है।"
  • वारंटी बीमाधारक की ओर से दिया जाने वाला एक वचन - पत्र है - i. कि कोई खास काम किया जाएगा या नहीं किया जाएगा ii. कि किसी शर्त का पालन किया जाएगा iii. जिसके द्वारा वह किन्हीं विशेष तथ्यों के अस्तित्व की पुष्टि करता है या नकारता है।
  • अभ्यावेदन किसी संविदा को अंतिम रुप दिये जाने से पहले या दिये जाने के दौरान मौखिक या लिखित रुप में किये जाने वाले कथन होते हैं। कोई भी अभ्यावेदन पूरी तरह से सत्य होना चाहिए तथा उसे परम सद्भाव सहित किया जाना चाहिए।

IC 57 अग्रि एवं परिणामी हानि बीमा

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