IC72 - मोटर बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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जहां किसी व्यक्ति को उसकी ओर से हुई किसी प्रकार की बिना किंतु दो अन्य व्यक्तियों की उपेक्षा के संयुक्त प्रभाव के फलस्वरुप चोट पहुंचती है तो यह योगदायी उपेक्षा का मामला नहीं होता परंतु इसे संमिश्र उपेक्षा से पहुंची चोट का मामला कहा जाता है।
यात्री वाहनों के लिए संविभाजव का सिद्धांत : जहां किसी यात्री वाहन को अतिभारित पाया जाता है और आर.सी. बुक के अनुसार वाहन की बैठने की क्षमता से अधिक संख्या में दावाकर्ता बिठाये बैठने की क्षमता के अनुसार भुगतान करें, यह राशि सभी दावाकर्ताओं में समान रुप से बांटी जाती है।
कर्मचारी क्षतिपूर्ति आयुक्त या मोटार दुर्घटना दावा प्राधिकरण में जाने का विकल्प : मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 167 के अनुसार यह किसी कामगार की इच्छा पर निर्भर करता है कि क्षतिपूर्ति हेतु कर्मचारी क्षतिपूर्ति आयुक्त के पास जाया जाए या एम.ए.सी.टी में।
मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण (Motor Accidents Claims Tribunals) : न्यूनतम लागत पर तृतीय पार्टी दावों के शीघ्र निपटान हेतु विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से मोटर वाहन अधिनियम, 1939 की धारा 110 के अंतर्गत दावा प्राधिकरणों की स्थापना की गयी है।
धारा 173 में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई व्यक्ति एमएसीटी द्वारा पारित अवार्ड से व्यथित हुआ हो तो वह अपील फाइल कर सकता है। तथापि, दावा प्राधिकरण द्वारा पारित अवार्ड राशि यदि रु.10,000/- से कम हो तो अपील फाइल करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।