IC72 - मोटर बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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जिस मामले में दायित्व सीमित रहता है, वहां बीमाकर्ता से यह नहीं कहा जा सकता कि वह भुगतान करते हुए वसूली करे।
मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 169 (1) में यह विनिधान किया गया है कि दावा प्राधिकरण अपने स्वयं के निर्णय के अनुसरण में स्थगन आदेश जारी कर सकते हैं।
एमएसीटी के संदर्भ में प्रासंगिक सिविल प्रक्रिया संहिता के प्रावधान : i. धारा 28 यदि प्रतिवादी किसी दूसरे राज्य में निवास करता है तो उसे समन की तामील करना, ii. धारा 30 खोज या इसी तरह के अन्य कार्य हेतु आदेश देने की शक्ति, iii. धारा 32 चूक हेतु जुर्माना, iv. धारा 51 निष्पादन डिक्री (आदेश), v. धारा 76 दूसरे न्यायालय को सौंपना, vi. धारा 77 अनुरोध पत्र, vii. धारा 94 अनुपूरक कार्यवाहियां, viii. धारा 133 समय की छूट, ix. धारा 148 समयावधि बढ़ाना, x. धारा 148-ए आपत्ति दर्ज करने का अधिकार, xi. धारा 151 न्यायालय की अंतर्निहित शक्ति, xii. धारा 153 संशोधन हेतु सामान्य शक्तियां
दावा फाइल करने की कार्यप्रणालीः जैसा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के अंतर्गत बताया गया है, आवेदनकर्ता क्षतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए सबसे पहले रजिस्ट्री में आवेदन पत्र की आवक प्रविष्टि करवाता है। प्राथमिक छानबीन करने के बाद दावा प्राधिकरण का रजिस्ट्रार मामले की सुनवाई हेतु न्यायालय आबंटित करता है।
नोटिस / समनः जिस दावा प्राधिकरण को दावा आबंटित किया जाता है, वह नोटिस जारी किये जाने का आदेश पारित करता है अर्थात् विरोधी पक्ष को समन जारी करता है।