IC72 - मोटर बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स

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  • आवश्यक पार्टी का कुसंयोजनः यदि कोई व्यक्ति पार्टी नहीं होता फिर भी उसे किसी मामले में पार्टी बनाया जाता है तो लिखित कथन में तत्संबंधी प्रतिवाद किया जा सकता है कि वह मुकदमा आवश्यक पार्टियों के कुसंयोजन के कारण दोषपूर्ण है।
  • लिखित कथन में संशोधन (आदेश 6 नियम 17): लिखित कथन में सीपीसी के इस प्रावधान के अंतर्गत साक्ष्य पूर्ण होने से पहले किसी भी चरण में संशोधन किया जा सकता है।
  • पैरवी करने, सिद्ध करने और स्थापित करने की तीनों अवधारणाओं में बहुत अंतर दिखाई पड़ता है अर्थात् : i. बजाव सिद्ध करने से पहले बचाव की वकालत करनी पड़ती है, ii. बचाव की वकालत करने के बाद, इस तरह के प्रयास जुटाये जाने चाहिए कि दस्तावेजों के आधार पर उसे कैसे प्रमाणित या सिद्ध किया जाए।, iii. दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत किये जाने के बाद न्यायालय को तुष्टि करानी पड़ती है कि बचाव स्थापित हो चुका है।
  • दोषहीन दायित्व आवेदन फाइल करनाः दोषहीन दायित्व आवेदन फाइल करने के लिए आवेदक को यह वचन देना होता है कि उसने केन्द्रीय मोटर वाहन नियमों के नियम 255 का अनुपालन किया है।
  • न्यायालय से बाहर या समझौता निपटान : जब दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार कोई दावा स्वीकार कर लिया जाता है और कंपनी को प्रतिवाद करने के लिए कोई संवैधानिक बचाव उपलब्ध न हों तो प्रत्येक मामले के गुणदोषों के अनुसार दावा निपटान करने के लिए पर्याप्त प्रयास किये जाने चाहिए।

IC72 मोटर बीमा

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