IC72 - मोटर बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स

Page 47 Of 53

Go to:

  • उपचार अवधि के दौरान होने वाली आय की हानि : i. उपचार अवधि हेतु वास्तविक या काल्पनिक मजदूरी या वेतन प्रदान किया जाना है।, ii. स्थाई अपंगता के कारण भावी अर्जन क्षमता की हानि की गणना तब की जाती है जब "वृत्तिमूलक अपंगता" हुई हो।, iii. भावी चिकित्सा व्यय में वे व्यय शामिल रहते हैं जो सुधारात्मक शल्यचिकित्सा या चिकित्सा साधनों के प्रतिस्थापन तथा स्थाई असुविधा के लिए आवश्यक उपकरणों के प्रावधान हेतु किये जाते हैं।, iv. भावी दुख एवं सुख-सुविधाओं की हानिःयह अपंगता या कुरुपता की प्रकृति पर निर्भर करता है कि वह कितने लंबे समय तक रहती है।, v. वैवाहिक संभावनाओं की हानि वैवाहिक संभावनाओं में आई कमी की गंभीरता पर निर्भर करती है।, vi. पढ़ाई के दौरान शैक्षणिक वर्ष की हानि : इसकी शैक्षणिक वर्ष के लिए वास्तविक तौर पर किये गये खर्च का प्रमाण प्रस्तुत किये जाने पर क्षतिपूर्ति की जा सकती है।, vii. चोट के परिणामस्वरुप जीवनकाल में आई कमी के लिए देय क्षतिपूर्ति के बारे में चोट पहुंचने के कारण जीवनकाल में आई कमी के संबंध में चिकित्सकीय राय के आधार पर विचार किया जा सकता है।
  • गुणक पद्धति में मृतक की ओर से अपने आश्रितों पर खर्च की गयी वार्षिक आश्रितता राशि, यदि वह जीवित होता, को आमतौर पर स्वीकृत गुणक, जिसे 'वर्ष क्रय कारक' कहा जाता है, से गुणा करते हुए निकाला जाता है।
  • प्रभारित किया जाने वाला गुणक मृतक या आश्रित की आयु, जो उच्चतर हो, पर निर्भर करेगा। अधिकतम गुणक 16 के बजाय 18 होगा जैसा कि सुसम्मा थॉमस के मामले में निर्धारित किया गया।
  • भावी संभाव्यताओं की गणना करने के लिए लागू गुण्य मृतक की आयु पर निर्भर करेगा।
  • गुणक पर ब्याज दर का प्रभावः चूंकि ब्याज दर घटती रही है, इसलिए परिणामस्वरुप गुणक में बढ़ोतरी करनी होगी। 21 वर्ष से लेकर 25 वर्ष तक के आयु समूह हेतु सर्वोच्च गुणक लिया जाना है, जब कोई सामान्य भारतीय नागरिक स्वतंत्र रुप से कमाने लगता है तथा न्यूनतम गुणक 60 से लेकर 70 वर्ष के लिए होता है जो कि सामान्य सेवानिवृत्ति की आयु होती है।

IC72 मोटर बीमा

Copyright 2015 - MODELEXAM MODELEXAM®