IC72 - मोटर बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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भारत में विविध बीमा व्यवसाय में मोटर बीमा का एक बडा हिस्सा रहता है। दुर्भाग्यवश, तृतीय पार्टी दायित्व विशेषकर वाणिज्यिक वाहनों के कारण इसी पोर्टफोलियो में सर्वोच्च दावा अनुपात भी रहता है।
भारत में बीमा कारोबार में विकास लाने एवं यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसे विकास से पॉलिसीधारक के अधिकारों में कमी न आने पाए, आईआरडीए ने दिसंबर, 2006 में मोटर टीपी पूल का गठन किया। यह पूल वाणिज्यिक वाहनों के मामले में ही लागू होता है जहां बीमाकर्ताओं द्वारा बाजार में अपने हिस्से के अनुपात में हानि को बांटने की व्यवस्था की जाती है।
सभी बीमाकर्ताओं के बीच व्यवसाय की पूलिंग या एकत्रीकरण बीमांकन करने वाले बीमाकर्ताओं तथा बीमा व्यवसाय (मोटर बीमा व्यवसाय सहित) और साधारण बीमा पुनर्बीमाकर्ताओं के माध्यम से बहुपक्षीय आधार पर की जाएगी।
बीमाकर्ताओं के बीमांकनकारी कार्यालय, बीमांकन प्रक्रिया, दस्तावेजीकरण, लेखांकन और जमाशेषों के निपटान की प्रक्रिया हेतु भारतीय बीमा काउंसिल के अनुदेशों का पालन करेगे।
मोटर तृतीय पक्ष बीमा व्यवसाय के संबंध में कोई एजेंसी कमीशन या दलाली देय नहीं होगी।