IC74 - दायित्व बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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ट्रीटी अर्पणकारी कंपनी और पुनर्बीमाकर्ता के बीच हुई एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसके माध्यम से पुनर्बीमाकर्ता अनुबंध की परिधि के भीतर आने वाले सभी जोखिमों के लिए निश्चित सीमाओं तक स्वचालित एवं बाध्यकारी संरक्षण उपलब्ध कराता है।
ट्रीटियों को दो व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है :i. समानुपातिक ट्रीटि यां और ii. गैर - आनुपातिक ट्रीटियां
समानुपातिक ट्रीटियों को पुनः कोटा शेयर ट्रीटी तथा अधिशेष ट्रीटी के तौर पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
गैर - आनुपातिक ट्रीटियों को पुनः हानि आधिक्य ट्रीटी तथा स्टॉप लॉस ट्रीटी के तौर पर वर्गीकृत किया जा सकता है।
ट्रीटी के अंतर्गत पुनर्बीमाकर्ताओं को देय प्रीमियम का निर्धारण करने की विभिन्न प्रकार की पद्धतियां होती हैं। एक सामान्य प्रणाली यह है कि अर्पणकारी कंपनी की सकल शुद्ध प्रीमियम आय पर प्रतिशत की दर के हिसाब से प्रीमियम की गणना की जाती है।