IC74 - दायित्व बीमा परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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हर्जाना उसे कहते हैं जिसका न्यायालय की ओर से किसी पीड़ित व्यक्ति को सिविल कार्यवाही के तौर पर क्षतिपूर्ति के रुप में भुगतान किया जाता है। ऐसे व्यक्ति को किसी संविदा या टाॅर्ट भंग करने से चोट पहुंची हुई होनी चाहिए। हर्जाना दो प्रकार का होता है : विशेष क्षतिपूर्तियां तथा सामान्य क्षतिपूर्तियां
उपेक्षा के आरोप के विरोध में कुछ बचाव उठाये जा सकते हैं जैसे स्वैच्छिक क्षति हेतु क्षतिपूर्ति नहीं (volenti non fit injuria), अपरिहार्य दुर्घटना, आपात् स्थिति, दैवीकृत्य आदि।
रायलेंड्स बनाम फ्लेचर मामले में कठोर दायित्व का सिद्धांत प्रतिपादित किया गया जहां से उपेक्षा या लापरवाही के सिद्धांत की शुरुआत हुई। इसके अनुसार, कोई व्यक्ति तब हर्जाना भरने के लिए जिम्मेदार माना जाएगा जब उसकी भूमि से किसी ऐसी चीज का पलायन होता हो जिससे कोई नुकसान पहुंच सकता हो और उस भूमि का अप्राकृतिक तौर पर प्रयोग किया जा रहा हो।
श्रीराम फूड एंड फर्टिलाइजर्स लिमि। के मामले से परम दायित्व का कानून और निदेशकों एवं अधिकारीयों के व्यक्तिगत दायित्व के सिद्धांतों की शुरुआत हुई।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 इस उद्देश्य से पारित किया गया कि उपभोक्ताओं के अधिकारों का और अधिक अच्छी तरह से संरक्षण तथा उपभोक्ता विवादों का निपटारा हो सके