जीन (Gene) परीक्षण, जिन्हें डीएनए पर आधारित परीक्षण भी कहा जाता है, तकनीकी दृष्टि से बहुत ही जटिल परीक्षण होते हैं और आजकल इनका प्रयोग व्यक्तियों में वंश विषयक विकारों का पता लगाने के लिए किया जाने लगा है। लेकिन भारत में बीमापूर्व चिकित्सा जांच पड़ताल करने के लिए इनका प्रयोग नहीं किया जाता है।
वित्तीय बीमांकन किसी व्यक्ति के बारे में उसकी आय और उसकी जरुरतों को देखते हुए न्यायोचित बीमा आवरण राशि का निर्धारण करने की प्रक्रिया है।
बीमायोग्य मूल्य बीमाधारक की मृत्यु से उत्पन्न होने वाली वित्तीय हानि और बाध्यताओं को मापने का मापदंड होता है। यह मृत्यु लाभ की उस अधिकतम राशि का निर्धारण करता है जो भुगतान हेतु स्वीकार्य होती है।
महत्वपूर्ण - मातृ-पितृ समुदाय में बाल बीमा योजनाएं बहुत ही लोकप्रिय हैं। प्रत्येक माता-पिता यही चाहते हैं कि उनके बच्चों को सर्वोत्तम शिक्षा मिले और उनकी शादी धूमधाम से हो, और इसके लिए माता-पिता वह सब कुछ करना चाहते हैं जो उनसे बन पड़े। जैसे ही बच्चा पैदा होता है, मां-बाप उसकी शिक्षा एवं शादी के लिए निवेश करना शुरु कर देते हैं। बाल बीमा योजनाएं माता-पिता को अपने बच्चों का वित्तीय भविष्य सुरक्षित रखने में मदद करती हैं। माता-पिता द्वारा बच्चों की शिक्षा, शादी-ब्याह तथा अन्य वित्तीय जरुरतों को पूरा करने के लिए बाल बीमा योजनाएं खरीदी जाती हैं और कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना जैसे कि माता-पिता की असामयिक मृत्यु हो जाने पर बच्चों के भविष्य की वित्तीय सुरक्षा भी हो जाती है।
बाल बीमा योजनाओं का प्रस्ताव दो तरह से रखा जाता है : 1. पारंपरिक बाल योजनाएं : इन्हें पुनः दो उप-क्षेणियों में विभाजित किया जाता है। पहली है बाल बंदोबस्ती योजनाएं जो परिपक्व होने पर एकमुश्त राशि दिलाती हैं और दूसरी है बाल धनवापसी योजनाएं जो विशिष्ट अंतरालों पर आवधिक भुगतान करती हैं। 2. बाल यूलिप्स (यूनिट लिंक्ड बीमा योजनाएं): ये योजनाएं परिपक्व होने पर निधि मूल्य दिलाती हैं। योजना अवधि के दौरान यदि दुर्भाग्यवश माता-पिता की मृत्यु हो जाने पर अधिकांश बाल योजनाओं में "प्रीमियम की छूट" वाला अंतर्निहित राइडर रहता है जो यह सुनिश्चित करता है कि योजना जारी रहे।