आवासीय जोखिमों का संबंध उन जोखिमों से होता है जिनके प्रति किसी व्यक्ति का जिस किसी भी देश में वह रह रहा होता है, वहां उद्भासन होता है।
बीमांकनकर्ता के पास किसी राष्ट्र विशेष में रह रहे लोगों के जीवनकाल को प्रभावित करने वाले कारकों की संख्या में होने वाले परिवर्तनों के संबंध में अद्यतन जानकारी होनी चाहिए। इन कारकों के लिए किये जाने वाले दर-निर्धारण में समय-समय पर तद्नुसार समायोजन करने होंगे।
व्यवसाय, उप-व्यवसाय तथा आवासीय जोखिम का बीमांकन करते समय बीमांकनकर्ता को उन कारकों पर विशेष ध्यान देना होगा जिनकी वजह से अतिरिक्त जोखिम पैदा होता है। ऐसे कारकों के आधार पर ही बीमांकनकर्ता यह निर्णय ले सकता है कि आवरण हेतु किस प्रकार की शर्तों का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
प्रस्तावित शर्तों में निम्नलिखित का समावेश हो सकता है : कुछ लाभों पर प्रतिबंध लगाना, या - लाभ हेतु अतिरिक्त प्रीमियम प्रभारित करना, या - कुछ निश्चित लाभों के लिए पूरी तरह शर्तें नकार देना।
दर-निर्धारण हेतु आवश्यक जानकारी कंपनी के मैन्युअल या पुनर्बीमा मैन्युअल में उपलब्ध हो सकती है।