हीमेटुरिया का अर्थ है पेशाब में खून आना, हीमेटुरिया दो प्रकार का होता है : माइक्रोस्कोपिक हीमेटुरिया और सकल हीमेटुरिया।
गुर्दों की बीमारियों का पता लगाने के विभिन्न परीक्षण किये जाते हैं जैसे - मूत्र विश्लेषण, रीनल फंक्शन परीक्षण, इमेजिंग परीक्षण, रीनल बॉयोप्सी, रीनल एंजियोग्राफी, सिस्टोस्कोपी, आदि।
पथरी की समस्या को शामिल करते प्रस्ताव का बीमांकन करते समय बीमांकनकर्ता को चाहिए कि वह इस बात पर विचार करे कि कहीं अंतनिर्हित उपापचयी या प्रणालीगत विकार तो विद्यमान नहीं हैं जिनसे मृर्त्युता जोखिम में बढ़ोतरी हो सकती है।
चिरकालिक गुर्दे की बीमारी (सीकेडी) के प्रारंभिक लक्षण विद्यमान होने वाले प्रस्ताव का बीमांकन करने के लिए उसे अवमानक मामले के तौर पर वर्गीकृत किया जाएगा और जिन मामलों में बीमारी गंभीर रुप ले चुकी होती है, उन्हें आमतौर पर बीमांकन हेतु नकार दिया जाता है।
यदि बीमांकन हेतु पॉलिसिस्टिक गुर्दे की बीमारी वाला प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है तो उसे सामान्यतया अवमानक मामले के तौर पर वर्गीकृत किया जा सकता है।