Important Points for IC 22 जीवन बीमा - लेखन Exam

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  • यह तीन हिस्सों में बंटा होता है : बाह्रा कान, मध्य कान और आंतरिक कान
  • कान के विकारों में कान की सूजन, गंभीर मध्यकर्णशोथ, बीच के कान की चिरकालिक सूजन, बहरापन, आदि।
  • कानों के विकार वाले किसी आवेदक के मामले में सामान्यतया बीमांकनकारी दर निर्धारण नहीं किया जाता लेकिन, विकारों के पीछे रहे कारणों के लिए दर निर्धारण किया जा सकता है।
  • हमारी नाक हड्डी और कार्टिलेज से बनी हुई होती है। हम जो सांस लेते हैं। नाक उसे छानती और नमीयुक्त बनाती है। इसे घ्राणेन्द्रिय भी कहते हैं अर्थात् हम इससे सूंघने का काम भी लेते हैं। नासिका पट, साइनसाइटिस, नेजल पॉलिप आदि का समावेश रहता है।
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जीवन बीमा - लेखन

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