IC24 - जीवन बीमा का वैधानिक पक्ष परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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बीमा एजेंट : बीमा अधिनियम की धारा 2(10) के अनुसार, "बीमा एजेंट" का तात्पर्य है कि जो बीमा व्यवसाय करने अथवा प्राप्त करने के एवज में प्रतिफल के रूप में कमीशन या अन्य पारिश्रमिक के रूप में भुगतान प्राप्त करता है अथवा सहमत हैं [बीमा पॉलिसियों की निरंतरता, नवीकरण या पुःप्रचलन से संबंधित व्यवसाय सहित)।
बीमा अधिनियम, 1938 की धारा 2 (10 बी) के अनुसार मध्यस्थ या बीमा मध्यस्थ का बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 की धारा 2 की उपधारा (1) के खंड (एफ) में वर्णित निर्दिष्ट अर्थ होगा, जो कि बदले में समावेशी परिभाषा देता है एवं जिसमें निम्न शामिल है : बीमा ब्रोकर, पुनर्बीमा ब्रोकर, बीमा सलाहकार, सर्वेक्षक एवं, हानि निर्धारक
संयुक्त बीमा एजेंट : भारत के बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (बीमा एजेंटों की नियुक्ति) विनियम, 2016 के विनियमन 2(6), संयुक्त बीमा एजेंट को परिभाषित करता है कि "समग्र बीमा एजेंट" का अर्थ है एक व्यक्ति जिसे दो या अधिक बीमाकर्ताओं द्वारा बीमा एजेंट के रूप में नियुक्त किया जाता है बशर्ते वह बीमा एजेंट के रूप इससे अधिक कार्य नहीं करेगा। - एक जीवन बीमाकर्ता, सामान्य बीमाकर्ता, एक स्वास्थ्य बीमाकर्ता एव,
कारपोरेट एजेंट : बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (कॉर्पोरेट एजेंटो का पंजीकरण) निनियमन, 2015 का विनियमन 2 (f) कॉर्पोरेट एजेंट को "कॉर्पोरेट एजेंट" के रूप में परिभाषित करता है, जिसका अर्थ इन विनियमों के अंतर्गत उपरोक्त धारा (b) में किसी भी निर्दिष्ट श्रेणी जीवन, सामान्य एवं स्वास्थ्य बीमा के लिए बीमा व्यवसाय सेवा एवं सेवा के लिए किसी भी आवेदक को प्राधिकरण द्वारा जारी पंजीकरण का वैध प्रमाणपत्र है।
(g) 'कॉर्पोरेट एजेंट (लाइफ) "का अर्थ है एक कॉर्पोरेट एजेंट जो इन विनियमों के अंतर्गत नियमों में उल्लिखित जीवन बीमा कंपनियों के लिए बीमा व्यवसाय की मांग एवम सेवा प्रदान करने के लिए प्राधिकरण द्वारा जारी पंजीकरण का वैध प्रमाण पत्र रखता है।