हाइपोथैलमस : यह परिधीय स्नायु तंत्र द्वारा निष्पादित बहुत से स्वतंत्र कार्यकलापों को नियंत्रित करने वाली इकाई है।
रीड़ की हड्डी सिलिंडर के आकार का और मस्तिष्क का ही विस्तारण होता है जिसके चारों ओर कशेरुकीय तंत्रिकाएं होती हैं जो स्पाइनल कॉलम का निर्माण करती हैं। स्पाइनल कॉलम के प्रमुख कार्यों में से दो कार्य इस प्रकार हैं : यह मस्तिष्क को अभिवाही/अपवाही (afferent/efferent) दुतरफा चालन पथ उपलब्ध कराता है और - सभी मेरुदंडीय प्रतिक्रियाओं हेतु प्रतिक्रियात्मक केन्द्र के तौर पर कार्य करता है।
स्वचालित स्नायु तंत्र को अनैच्छिक स्नायु तंत्र भी कहा जाता है। इसमें मोटर न्यूरॉन रहते हैं और यह आंतरिक अंगों (छोटी आंत, मूत्राशय तथा गर्भाशय, रक्त नलिकाओं, मृदु तथा हृदय की मांसपेशियों) के अनैच्छिक क्रियाकलापों को नियंत्रित करता है।
दैहिक स्नायु तंत्र को स्वैच्छिक स्नायु तंत्र के नाम से भी जाना जाता है। दैहिक स्नायु तंत्र मनुष्यों की वातावरणिक परिवर्तनों से होने वाली सचेतन प्रतिक्रिया को आसान बनाता है।
विभिन्न प्रकार की निदानात्मक कार्यप्रणालियों के अतिरिक्त, स्नायु तंत्र के विकारों का निदान करने हेतु संपूर्ण चिकित्सा वृतांत तथा शारीरिक जांच करवाई जाती है।