डाइबिटीज या डाइबिटीज मेलिटस का संदर्भ उपापचयी विकारों के उस विजातीय समूह से लिया जाता है जो शरीर में अनुचित ग्लूकोज (शर्करा) उपापचय के कारण होते हैं। इनका संबंध हारमोन इंसुलिन से रहता है।
हाइपरग्लाइसीमिया डाइबिटीज मेलिटस का एक प्रमुख लक्षण माना जाता है।
डाइबिटीज इंसुलिन की कमी के कारण होता है या जब शारीरिक कोशिकाएं इंसुलिन की क्रिया का प्रतिरोध करने लगती हैं जिससे रक्त शर्करा के चिरकालिक उन्नत स्तरों का निर्माण होता है।
टाइप 1 डाइबिटीज को इंसुलिन आश्रित डाइबिटीज, निरापद परोक्ष (immune mediated) डाइबिटीज या किशोरावस्था के आगमन पर होने वाला डाइबिटीज भी कहा जाता है। जिन लोगों को टाइप 1 डाइबिटीज होता है, वे इंसुलिन आश्रित होते हैं और उन्हें जीवित रहने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता पड़ती है।
टाइप 2 डाइबिटीज को गैर - इंसुलिन आश्रित डाइबिटीज या देरी से हुआ डाइबिटीज भी कहा जाता है। टाइप 2 डाइबिटीज का उपचार खानपान में परिवर्तन, व्यायाम और / या दवाईयों की सहायता से किया जा सकता है।