IC24 - जीवन बीमा का वैधानिक पक्ष परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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धारा 2 (एनएनएन) व्यापार प्रथा के रूप में 'प्रतिबंधक व्यापार प्रथा' को परिभाषित करता है तो मूल्य या उसके वितरण की शर्तों में हेरफेर करने अथवा माल अथवा माल अथवा सेवाओं से संबंधित बाजार में आपूर्ति के प्रवाह को प्रभावित करने से, जिसके कारण से उपभोक्ताओं पर अनुचित लागत अथवा प्रतिबंध लागू होते है। इसमें निम्न शामिल हैं : a) किसी व्यापारी द्वारा इस तरह के सामानों की आपूर्ति में अथवा व्यापार में प्रदान की जाने वाली सेवाओं को प्रदान करने की सहमत अवधि से परे देरी के कारण कीमत में वृद्धि होने की संभावना; b) उपभोक्ता को किसी भी सामान की खरीद, किराया या लाभ उठाने की आवश्यकता एवं सेवाओं हेतु या जैसा भी मामला हो, के लिए अन्य माल को खरीदने, किराए पर लेने या अन्य सामानों या सेवाओं के लाभ उठाने की पूर्ववर्ती शर्त।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ता शिकायतों / कष्टों के सरल, तीव्र एवं सस्ते निपटान के जरिए उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है।
सीओपीए की मुख्य विशेषताएं हैं : यह सभी वस्तुओं एवं सेवाओं को शामिल करता है।, यह सभी क्षेत्रों पर लागू है।, यह निवारण मशीनरी प्रदान करता है जो सरल, तेज़ एवं कम महंगी है।, अधिनियम किसी अन्य कानून के प्रावधानों के अतिरिक्त है।
अधिनियम में शिकायतों के निवारण की त्रि-स्तरीय अर्ध-न्यायिक प्रणाली की परिकल्पना की गई है - जिला फोरम, राज्य आयोग, राष्ट्रीय आयोग
उपभोक्ता संरक्षण परिषदों के उद्देश्य : सूचित होने का अधिकार, आश्वस्त होने का अधिकार, सुनने का अधिकार, निवारण प्राप्ति का अधिकार, उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार