आई सी 38 (IC38) हिंदी में जीवन बीमा एजेंट परिक्षा के लिए अध्ययन नोट्स और महत्वपूर्ण टॉपिक्स

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  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 - यह अधिनियम उपभोक्ताओं के हित की बेहतर सुरक्षा की व्यवस्था करना, उपभोक्ता के विवादों के निपटारे के लिए उपभोक्ता परिषदों और अन्य प्राधिकरणों की स्थापना का प्रावधान करने के लिए पारित किया गया था।, इस अधिनियम को उपभोक्ता संरक्ष्ण (संशोधन) अधिनियम, 2002 के द्वारा संशोधित किया गया है।
  • सेवा का मतलब है किसी भी तरह की सेवा जो संभावित उपयोगकर्ताओं को उपलब्ध कराई गयी है और जिसमें बैंकिंग, वित्त, बीमा, परिवहन, प्रोसेसिंग, बिजली या अन्य ऊर्जा की आपूर्ति, बोर्ड या अस्थायी आवास या दोनों, आवासीय निर्माण, मनोरंजन, मौज - मस्ती या समाचार अथवा अन्य जानकारी प्रदान करने के संबंध में सुविधाओं का प्रावधान शामिल है।, लेकिन इसमें नि: शुल्क या व्यक्तिगत सेवा के एक अनुबंध के तहत कोई भी सेवा प्रदान करना शामिल नहीं है।
  • उपभोक्ता - किसी प्रतिफल के लिए कोई सामान खरीदता है और इस तरह के सामान या वस्तु के किसी भी उपयोगकर्ता को शामिल करता है।, ऐसे किसी व्यक्ति को शामिल नहीं करता है जो इस तरह के सामान को पुनर्विक्रय के लिए या किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए प्राप्त करता है , किसी प्रतिफल के लिए कोई भी सेवा प्राप्त करता है या किराए पर लेता है और ऐसी सेवाओं के लाभार्थी को शामिल करता है।
  • उपभोक्ता विवाद - का मतलब है एक ऐसा विवाद जहां वह व्यक्ति जिसके विरुद्ध शिकायत की गयी है, शिकायत में निहित आरोपों से इनकार करता है और उनका विरोघ करता है।
  • उपभोक्ता विवाद निवारण एजेंसियां - जिला फोरम, राज्य आयोग, राष्ट्रीय आयोग, सभी तीन एजेंसियों के पास एक सिविल कोर्ट की शक्तियां हैं।

IC 38 Life - Hindi (हिंदी)

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