IC45 - साधारण बीमा बीमांकन परिक्षा महत्वपूर्ण टॉपिक्स और नोट्स
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आईआरडीए में वित्तीय तथा अन्य प्रकार के प्रकटीकरणों की व्यवस्था की है जिनका अनुपालन बीमाकर्ताओं द्वारा किया जाना चाहिए।
मूल्य निर्धारण के मामले में यह आवश्यक है कि बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों के हितों के साथ-साथ अपने सॉल्वेंसी मार्जिन को भी ध्यान में रखे और तदनुसार मूल्य निर्धारण में संतुलन बनाए रखें।
शुद्ध प्रीमियम उसे कहा जाता है जो समस्त दुर्घटना दावा लागतों का समायोजन करने के लिए पर्याप्त हो।
किसी ग्राहक के मामले में इसका अनुमान निम्न पर लगाया जा सकता है : दावा प्रस्तुत करने की संभावना, दावे का अपेक्षित आकार
शुद्ध प्रीमियम किसी भी प्रीमियम संरचना का न्यूनतम स्तर होता है जिस पर बीमा कंपनी लाभ अर्जित नहीं करती परन्तु उसे किसी धन राशि की हानि भी नहीं होती।