राइडर वे वैकल्पिक अतिरिक्त आवरण तथा लाभ होते हैं जो मूल जीवन बीमा पॉलिसियों के साथ-साथ दिये जाते हैं ताकि पॉलिसीधारकों को देय लाभों में बढ़ोतरी हो सके।
किसी जोखिम को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का निर्णय लेने के लिए बीमांकनकर्ताओं द्वारा संख्यात्मक दर-निर्धारण प्रणाली अपनाई जाती है।
अवमानक व्यक्तियों के मामले में अतिरिक्त मृर्त्युता की अवधारणा लागू की जाती है। अतिरिक्त मृर्त्युता दर या ईएमआर का संदर्भ अवमानक लोगों के मामले में पाई जाने वाली अतिरिक्त मृर्त्युता से लिया जाता है।
जोखिम के प्रतिकूल पहलुओं के लिए अतिरिक्त निर्धारण किया जाता है जिन्हें धनात्मक दर-निर्धारण कहा जाता है और अनकूल कारकों के लिए आधार दर निर्धारण में की जाने वाली कमी को ऋणात्मक दर-निर्धारण कहते हैं।
सभी कारकों को घटा या जोड़ दिये जाने के बाद उन्हें जोड़ा जाता है ताकि अंतिम दर प्राप्त हो सके, जो आवेदनकर्ता को मानक जोखिम, अवमानक जोखिम या अति अवमानक जोखिम के तौर पर वर्गीकृत करेगी।